तेजल ज्ञान ग्वालियर। म.प्र. के समूचे जाट समाज से बस इतना कहना है कि हम हमारा समाज सरकार से कभी कोई नाजायज मांग नहीं रखते न रखी है। हम ये भी जानते हैं कि हमारे समाज के अधिकांश लोग वर्तमान सरकार की नीति रीति मे विश्वास रखते हैं पार्टी के प्रति आस्था रखते हैं, अच्छीबात है – ये उनकी अपनी निजी सोच है वो राजनीति मे खूब तरक्की करें। पर उनसे हमारा इतना निवेदन है कि वो भी हमारे अपने समाज की जायज मांग मे हमारा साथ दें, क्योंकि जब समाज उप चुनाव का वहिष्कार करेगा तो सरकार के साथ साथ उन्हें भी झटका लग सकता है। और हम ये कदापि नहीं चाहेंगे कि हमारे ही लोगों का नुकसान हो।
ग्वालियर के दीपूराणा (वनकर्मी) की शिकारी द्वारा हत्या किये जाने पर सरकार ने आज तक दीपूराणा को शहीद का दर्जा देने पर विचार नहीं किया जबकि इन्हीं मुख्यमंत्री ने दो वर्ष पहले मुरैना मे सूबेदार को शहीद का दर्जा दिया था। तुरंत जिन्हें रेत के ट्रेक्टर चालक ने कुचल दिया था,
आखिर सरकार समाज के प्रति दोहरी मानसिकता क्यों अपना रही
सरकार के इस भेदभावपूर्ण रवैया को देखते हुये
अ.भा.जाट महासभा प्रदेश ईकाई ने ये तय किया है कि एक बार पुनः सभी लोग सरकार का इस ओर ध्यानाकर्षण करायेंगे। यदि फिर भी दीपूराणा को इंसाफ नहीं मिलता है तो हम सब विधानसभा उपचुनाव का खुलकर वहिष्कार करेगें।
कवि भूपेंद्र सिंह राणा एवं समस्त पदाधिकारी
अ.भा.जाट महासभा. म.प्र.