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समाज समाज समाज आखिर क्या है समाज, समाज ने हमें दिया ही क्या है?

तेजल ज्ञान पत्रकार धनंजय जाट सीहोर (आष्टा)

आज के समय में नवयुवक पढ़ाई-लिखाई, काम-काज, रिश्ते-नाते, सगे-संबंधी, समाज-रिश्तेदार को छोड़कर आज सोशल मीडिया एवं शराब, बीड़ी-सिगरेट, दोस्ती-यारी आदि में पूरी तरह पड़ गया है। अपने संतान के भविष्य की चिंता कर जब घर के बड़े बुजुर्ग एवं माता-पिता नई पीढ़ी के युवाओं को समझाते है कि ऐसे दिनभर आवारा की तरह घुमा-फिरा मत कर, नहीं तो समाज में आज हमारा जो मान सम्मान है वह सब मिट्टी में मिल जाएगा।
इसी पर आज के नवयुवक कहते हैं कि समाज समाज समाज आखिर क्या है समाज, समाज ने हमें दिया ही क्या है ?


यह सुनकर मां बाप की आंखे नम हो जाती है बाप नम आंखों से कहता है कि बेटे आखिर समाज ना होती तो तुम्हें ये नाम कहां से मिलता आज अगर हम समाज में बैठे उठते नहीं तो तुम्हारे रिश्ते-नाते कैसे होते हैं आज समाज ने ही तो हमें अपनी खुद की एक पहचान दी है आखिर तुम जो पूछ रहे हो कि समाज ने तुम्हें दिया ही क्या है?
तो सुनो नम आंखों से पिता ने कहा आखिर जो तुम इतने अभिमान से अपने नाम के आगे जो जाती लिखते हो वह भी समाज ने ही दी है मैंने तो सिर्फ तुम्हें नाम दिया है। बाकी आज पूरी समाज एवं इष्ट मित्र तुम्हें तुम्हारी जाति से ही जानते हैं अगर आज तुम्हारे नाम के आगे तुम्हारी जाती ना होती तो आज तुम्हारी कोई पहचान भी नहीं होती।


“यह है समाज, यह दिया है हमें समाज ने”
बेटा तुम्हें समाज ने जो पहचान दी है वही सबसे बड़ा धन है और यही तुम्हारी पहचान हमारे पूर्वजों ने समाज के लिए जितना उनसे हुआ इतना किया और जब भी जितना होता करने की कोशिश करते थे और हमेशा यही कहते थे कि जितना हम से हो सके उतनी हमें समाजसेवा करना चाहिए।
समाज सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है
इतना सुनते ही बेटे ने शर्म से आंखें झुका ली और पिता के पैरों में गिर कर रोने लगा और कहने लगा कि पिताजी मुझे माफ कर दो मैं अंधविश्वास एवं अभिमान में रिश्ते-नाते एवं समाज सब कुछ भूल गया था। अतः मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप भी अपने बच्चों एवं आस-पास के सगे-संबंधी के नव युवक बालक-बालिकाओं ओर युवाओं को स्नेह के साथ उन्हें समाज एवं अच्छे बुरे के बारे में बताएं ताकि नव पीढ़ी सही मार्ग पर चल कर समाज में अपना एवं अपने माता पिता का नाम ग्रोवित करें। यह मेरा समाज को लेकर एक छोटा सा प्रयास जाट समाज की किसी भी प्रदेश की हर छोटी बड़ी खबर एवं समाज सेवा को न्यूज़ के माध्यम से प्रकाशित कर समाज को न्यूज़ के माध्यम से जागरूक एवं एकता के लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं जितना मैं कर सकता हूं उतना मैं जाट समाज के लिए करता रहूंगा। समाज की हर छोटी बड़ी खबर एवं सामाजिक कार्य की जानकारी इस नंबर पर भेजें प्रकाशित करवाने के लिए।


पत्रकार धनंजय जाट पिता बाबूलाल पचार तह. आष्टा जिला सीहोर म. प्र. पि.न. 466116, मोबाइल नंबर 77 468-98041

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