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समाज सेवक बनना और नाराज होना दोनों चीजें साथ नहीं चल सकती है। इसलिए समाज सेवा छोड़ो या नाराज होना छोड़े…।

1-मेरा फोटो नहीं छपा, इसलिए मैं नहीं आया।
2-मेरा निमंत्रण पत्रिका में नाम नहीं था, इसलिए मैं नहीं आया।
3-मुझे उसमें कुछ मिलने वाला नहीं था, इसलिए मैं नहीं आया।
4-मुझे कोई पद नहीं मिला, इसलिए मैं नहीं आया।
5-मुझे कोई सुनता नहीं है , इसलिए मैं नहीं आया।
6-मुझे स्टेज पर नहीं बैठाया, इसलिए मैं नहीं आया।
7-मेरा सम्मान नहीं किया, इसलिए मैं नहीं आया।
8-मुझे बोलने का मौका नहीं दिया, इसलिए मैं नहीं आया।
9-बार-बार आर्थिक बोझ मुझ पर डाल दिया जाता है, इसलिए मैं नहीं आया।
10-सभी काम मुझे सौंपा जाता है, इसलिए मैं नहीं आया।
11-कोई सुझाव लेते नहीं है, इसलिए मैं नहीं आया।
12-टाइम नहीं मिल रहा, इसलिए मैं नहीं आया।
13-सच्चा कार्य वही है जो समाज के हित का सर्वोपरि बना सके, इसलिए कहा है कि समाज सेवा मतलब तलवार की धार पे चलने का कार्य, और यह कोई कायरो का काम नहीं…
जिंदगी में संघर्ष जरूरी है, इसलिए जो लोग समाज सेवा में अपना मूल्यवान समय दे रहे हैं उन लोगों को तन-मन ओर धन से सहयोग देकर समाज के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाएं।
संगठित रहे और संघर्ष करे

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