केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मुहैया करवाने के लिए जारी कर रही है किसान क्रेडिट कार्ड

तेजल ज्ञान दिल्ली/जयपुर (अजय कुमार जाखड़)
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को भाजपा दिल्ली प्रदेश कार्यालय तथा अपने कृषि भवन कार्यालय के दो अलग अलग कार्यक्रमों में देश के विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से संवाद किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं बना रही है। इससे किसानों की आय दोगुनी तो होगी ही साथ ही वह खेती की पशुपालन और मछलीपालन जैसी सहायक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे सकेगा।

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मुहैया करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर रही हैं। इससे अन्नदाता किसान को खेती करने में मदद मिलेगी। साथ ही कम समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए जैसे- फसल काटने के बाद का खर्च, घर -परिवार का खर्च व जरूरतें, खेती से जुड़ी संपत्ति आदि के लिए बैंक से कम ब्याज दरों पर लोन मिलेगा। इस कार्ड को किसान आसानी से किसी भी बैंक या सहकारी समितियों पर जाकर बनवा सकते है। इसके साथ ही अब मोदी सरकार ने पशुपालन व मछलीपालन करने वाले किसानो को भी किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया है। इस योजना को चलाने के पीछे केंद्र सरकार का मुख्य मकसद यही है कि इस योजना के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े और किसान अपनी आय को दोगुनी करने के लिए कदम बढ़ाए।

किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ : कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड को भी मोदी सरकार पिछले वर्ष बजट में शामिल कर लिया था। ताकि पशुपालन एवं मछलीपालन वाले भी इसका लाभ प्राप्त कर सके। इस किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसान पशुपालन, डेयरी से जुड़े काम, मछली पालन, मुर्गी पालन आदि में आने वाली आर्थिक जरूरत को पूरा कर सकते है। इस कार्ड के धारक किसान बंधु बहुत ही कम ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। समय पर लोन का भुगतान करने पर किसानों को ब्याज में भी छूट दी जाती है।

नए कृषि विधेयकों से बढ़ेगी किसानों की आय : केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि नए कृषि विधेयकों के कानून बनने के बाद किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए कृषि उत्पाद बाजार समितियों पर निर्भर नहीं रहना होगा। ये कानून किसानों को अपना उत्पाद पूरे देश में किसी को भी बेचने की छूट देंगे। इससे खरीददारों में प्रतियोगिता बढ़ेगी, और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।अब कानूनी रूप से मान्य बिचौलियों के न होने से किसान सीधे ग्राहकों जैसे रेस्त्रां, फूड प्रोसेसिंग कंपनियों इत्यादि को अपना उत्पाद बेच सकेंगे। श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के पास केवल मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता क्यों? अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। करार अधिनियम से कृषक सशक्त होगा व समान स्तर पर एमएनसी, बड़े व्यापारी आदि से करार कर सकेगा तथा सरकार उसके हितों को संरक्षित करेगी। किसानों को चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे, निश्चित समयावधि में विवाद का निपटारा एवं किसान को भुगतान सुनिश्चित होगा। नए प्रावधानों के मुताबिक किसान अपनी फसल किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के अधिक अवसर मिलेंगे। एमएसपी का प्रावधान यथावत बना रहेगा. सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के उत्पाद की खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।
