तेजल ज्ञान चण्डीगढ़ः
ऑल इण्डिया जट्ट महासभा के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब मण्डी बोर्ड के निदेशक राजिन्दर सिंह बडहेड़ी ने देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को अपील करते हुए कहा है कि किसानों की मांगें पूर्णतया उपयुक्त हैं, जो स्वीकार्य होनी चाहिएं। श्री मोदी इस मांग को कोई मुद्दा न बनाएं, यह देश व केन्द्र सरकार के हित में होगा।
श्रीा बडहेड़ी ने कहा कि श्रीमति इन्दिरा गांधी ने 8 अप्रैल, 1982 को पंजाब के किसान की इच्छा के विरुद्ध एक गूंगे मुख्य मंत्री दरबारा सिंह की सहमति से कपूरी ज़िला पटियाला में सतलुज-यमुना संपर्क नहर परियोजना का नींव-पत्थर रखा था। परन्तु पंजाबियों ने उसका डट कर विरोध किया था, जो बाद में अत्यंत हिंसक रूप धारण कर गया था। उसका पंजाब व अन्य देश-वासियों को बीस वर्षों से भी अधिक समय तक संताप झेलना पड़ा था।
श्री बडहेड़ी ने आगे कहा कि उस समय के दौरान 40 हज़ार पंजाबियों को अपनी जानें गंवानी पड़ी थीं। उन्होंने प्रधान मंत्री को भावुक व तर्कपूर्ण अपील करते हुए कहा कि वह किसानों की बांह पकड़ें तथा अपनी ज़िद त्याग दें, ताकि देश की शांति भंग न हो तथा किसान अपनी कृषि को सुरक्षित रख सकें।
श्री बडहेड़ी ने यह भी कहा कि यदि मांगें न मानीं गईं, तो परिस्थितियां पुनः ख़राब होने का ख़तरा है। अतः अब अवसर को संभालना प्रधान मंत्री की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है। श्री बडहेड़ी ने चेतावनी दी कि यदि यह किसान-संघर्ष गंभीर रूप धारण कर गया, तो उसकी ज़िम्मेदारी भी प्रधान मंत्री की ही होगी।