तेजल ज्ञान। एक सामान्य सा दिखने वाला बच्चा अचानक बड़ा हो जाता है और मुंबई की चकाचौंध से प्रभावित होकर; जन सामान्य की समस्याओं को बड़े पर्दे पर उठाने की प्रेरणा से ओतप्रोत हो कार्य करने लगता है। फिल्मी दुनिया में कार्य करना, वह भी एक सामान्य परिवार की पृष्ठभूमि के साथ, अत्यंत कष्टकारी एवं कठिन होता है। बावजूद इसके आपने अपने उद्देश्य पूर्ति एवं जन सामान्य के मनोरंजन को सर्वोपरि मानते हुए, हर संभव प्रयास कर, अपने आप को सिल्वर स्क्रीन पर स्थापित किया। यह आपकी विलक्षण प्रतिभा को दर्शाता है। यह व्यक्ति कोई और नहीं पलवल, (हरियाणा) के पास “संधाद” गांव के अत्यन्त गरीब, किसान परिवार से संबंध रखने वाले देशराज सौरोत हैं। जिन्होंने MA (लिटरेचर), आगरा यूनिवर्सिटी, आगरा एवं B. Sc, B.Ed एम.डी. यूनिवर्सिटी रोहतक से पास किया है। देशराज सौरोत कभी भी किसी एक टैग लाइन से बंद कर नहीं रहे।

इनकी कोशिश रही फिल्मांकन के लिए आवश्यक हर क्षेत्र में महारत हासिल करने की। जिसका भली-भांति निर्वाह भी किया। इसी कारण हम कह सकते हैं, आपको केवल नायक की भूमिका ही पसंद नहीं थी, वरन् हर भूमिका में आपने जान डालने का भरसक प्रयास किया है । इस के साथ साथ, पर्दे के पीछे रहकर भी, अन्य क्षेत्रों पर पकड़ मजबूत की, जैसे एक्टर, राइटर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर की भूमिका भली-भांति निभा रहे हैं। उन्होंने यूट्यूब सीरीज और अच्छी फिल्मों का निर्माण भी किया है जैसे ‘लखीमपुर के लुक्खे”‘; वेब सीरीज ‘मेरा क्या कसूर’, लुच्चे लफंगे आदि है। जिसमें आपने राइटर, डायरेक्टर, दमदार एवं प्रभावकारी नायक के रूप में भली – भांति भूमिका निभाई है। आपकी आने वाली फिल्म ‘शाप मुक्ति’ एवं ‘दिशाहीन’ है, जो समाज में व्याप्त ज्वलंत विषयों पर आधारित है। “लखीमपुर के लुक्खे” लोकडाउन से पहले रिलीज के लिए तैयार थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उसको रोक दिया गया था, जो पुन: प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। यह फिल्म व्यक्ति विशेष की मानसिक स्थिति को दर्शाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई है। लखीमपुर के लुक्खे” मूवी कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित की गई है, जैसे MEBIG इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, जर्मनी; यूरेसिया इंटरनेशनल रूस मे सर्वश्रेष्ठ ‘प्रयोगात्मक’ श्रेणी का पुरस्कार भी जीत चुकी है। अन्य कई फेस्टिवल्स में भी इस मूवी का नामांकन किया गया है। आशा करते हैं, आगे भी आप इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियां गढ़ते रहेंगे एवं जन सामान्य के मनोरंजन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे।