तेजल ज्ञान चण्डीगढ़ः
ऑल इण्डिया जट्ट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह व पंजाब के सिक्ख किसान नेता तथा चण्डीगढ़ राज्याध्यक्ष तथा महासभा के राष्ट्रीय डैलीगेट स. राजिन्दर सिंह बडहेड़ी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली में घटित घटनाओं को किसानों को बदनाम करने तथा किसान आन्दोलन को असफ़ल करने हेतु समाज-विरोधी तत्त्वों द्वारा रचे षड़यंत्र करार दिया है। आज यहां एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए स. बडहेड़ी ने कहा कि ऐसे तत्त्व प्रारंभ से यही चाहते रहे हैं कि अब तक पूर्णतया अमन-शांति से सफ़लतापूर्वक व प्रणालीबद्ध ढंग से चल रहे किसान आन्दोलन को असफ़ल कैसे किया जाए।
स. बडहेड़ी ने आरोप लगाया है कि किसान आन्दोलन को असफ़ल करने की यह सरकारी ख़ुफ़िया एजेन्सियों – ‘इन्टैलीजैंस ब्यूरो’ तथा ‘रॉअ’ की भी कोई चाल हो सकती है। किसान नेता ने दिल्ली में किसानों पर लाठीचार्ज तथा कुछ शरारती तत्त्वों द्वारा लाल किले के भीतर प्रवेश हो कर हंगामा करने को अब तक की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया है।
स. बडहेड़ी ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों पर ऐसे बेरहमी से किए अत्याचार व ट्रैक्टरों की तोड़-फोड़ की घटनाएं भी अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लाल किला पर घटित घटनाएं देश के लिए ठीक नहीं हैं तथा इस से किसान आन्दोलन को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया जा सकता।
स. बडहेड़ी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पहले रूटों संबंधी ‘जानबूझ कर भ्रांति उत्पन्न करके रखी ताकि किसान जब उन्हें हटाएं, तो उनके विरुद्ध बल का प्रयोग किया जा सके। ऐसे ही किसानों में भड़काहट पैदा की गई तथा आगे चल कर टकराव पैदा होना स्वाभाविक ही था।’
मोदी सरकार पर राजनीतिक हमला बोलते हुए स. बडहेड़ी ने कहा कि मोदी सरकार यदि चाहती, तो इस मामले का समाधान दो माह पूर्व ही निकल आना था, जिस दिन किसानों ने अपने घरों से प्रस्थान किया था परन्तु भाजपा सरकार की ज़िद के कारण ऐसी घटनाएं घटित हो गईं। अब तक की 11 चरण की बातचीत के पश्चात् भी यह मामला जानबूझ कर किसी निर्णय पर नहीं पहुंचाया गया।