।। जय तेजाजी महाराज।।।।
लेखन लंबा जरूर है पर पढोगे तो जानोगे भविष्य की यात्रा को🙏
✍️ उठो राजा बेटा उठो, बड़ी मधुर आवाज सुबह 6 बजे लगातार आने लगी,, दो हाथ सर पर धीरे धीरे घूमने लगे, तो अचानक से दीपक की नींद खुली, दीपक के वहा से हटते ही हाथ रेशमी बिस्तर पर घूमने लगे, दीपक ने हाथ बढ़ाकर घड़ी का बटन बंद किया तो आवाज बंद हो गई और दोनों हाथ रोबोट घड़ी के अंदर समा गए।।।।
✍️दीपक ने अंगड़ाई लेने के बाद पलंग के पास लगा एक बटन दबाया तो सरसराहट होने लगी, देखते ही देखते नल लगी एक टेबल मय टॉवेल के वहा आकर रुकी, दीपक ने हाथ मुह धोये, मंजन किया और फिर बटन दबाया सब पुनः वापस अपने स्थान पर चले गए।।
✍️ दीपक ने फिर एक बटन दबाया तो दीवार पर लगी स्क्रीन में सारे अखबार फ्लैश होने लगे, दीपक ने अग्रेजी अख़बार पढ़ा और ऑडियो के साथ सुना भी, साथ ही एक स्विच में गर्म गर्म चाय का प्याला ओर बिस्किट हाजिर हो गए तो दीपक का सुबह का मामला तैयार।।।
✍️ उसी वक़्त भारत के 2 बच्चों ने मिलकर विश्व की सरकार को पत्र लिखा कि किराये पर चलने के बाद जो खाली समय मिलता है उसमें हमे अपने असली माता पिता से मिलने की इजाजत दी जाए, ओर उनके माता पिता का नाम उन्हें बताया जाए अधिकारी नाम बताने में बहुत आना कानी करते है, अगर ऐसा सरकार नही करती है तो फिर हम लोग मंगल ग्रह व चांद से आने वाले यातायात को बाधित करेगे,,दीपक मुस्कुराया की भला हो कि वो किराये की संतान नही है उसे मा ने जन्म दिया है ट्यूब में नही घर मे पैदा किया है, माँ ने उसे बड़े से जग में उगाया है और उसके विकास में किसी तरह का खाद उपयोग में नही लिया।।।
✍️ समाचार में दीपक को 20 वी ओर लगती 21 वी सदी की तस्वीरें दिखाई जा रही थी, ढेर सारी साइकल, व भागते आदमी दिखाई दे रहे थे दीपक ने सोचा 200।। 400 साल पहले आदमी कितना पिछड़ा हुआ करता था,, तभी खेल समाचार शुरू हो गया आज के रोमांचक मैच में में चंद्रलोक की टीम ने मंगल – वासियो को 8-3 गोल के स्कोर से हरा दिया।।।
✍️दीपक की वही रॉबट वाली गुड़िया कपड़े ले आई, दीपक तैयार होकर फिर कमरे से निकल छत पर आ गया,, आकाश में बहुत सारे हेलिकॉप्टर ओर उड़ने वाली कारे मंडरा रही थी,, दीपक ने अपना हेलीकॉप्टर उड़ाया ओर आकाश मार्ग की लाल और हरी बतियो के बीच से गुजरते हुए नीचे खड़े व उड़ रहे हजारो उड्डनखटोलो के देख मुस्कुरा रहा था कि 20 वी सदी में लोग कितने पिछड़े थे।।।
✍️एक छत पर सिग्नल मिलने पर दीपक ने अपना उड़नखटोला उतारा और वहां से नीचे आने लगा, तभी एक लोहे के आदमी ने उसका रास्ता रोका,उसने उसी लोहे के आदमी में लगे टेलीफोन में से कुछ नंबर दबाया ओर बोला पापा में दीपक हु कोड भेजिये ओर अचानक से उस लोहे के आदमी ने रास्ता दे दिया।।।
✍️अंदर पापा से दुआ सलाम के बाद दीपक चलने लगा तो पापा ने कहा मम्मी से बात हुई, दीपक ने अपनी अंगुली में लगी पता नही कौनसी चिप का बटन दबाया की वह दीवार पर लगे थर्मल स्क्रीन वाले अजीब से पर्दे में मम्मी की तस्वीर तो क्या महसूस होने वाली मम्मी हाजिर,, दीपक से प्यार भरी बातें पूरी हुई नही की मम्मी का फ़ोन बज उठा बात करने के बाद मम्मी दीपक से बोली कि तेरी मंगल वाली “कालसी” मौसी का फ़ोन था अगले सप्ताह धरती पर आ रही ही,, हालाँकि कालसी मौसी हमारी सदी में “कालू” मासी थी, तो 22 वी सदी की “गॉगसी” भुआ को हम गोगली कहते है,,
✍️22 वी सदी में हमारे वाले गुदड्डराम “गोड्रीम” बन गए तो काले रंग के साथ,, सफेद बालों वाली हसीना “गोरसी” बन गई, पर जो नही बदला वो लक्षा था 2021 में लक्षा था और आज 22 वी सदी में भी लक्षा ही था क्योंकी इतिहास और वर्तमान तो दुनिया भी लिखती है लक्षा ने भविष्य लिखा था😀
✍️दीपक बड़ा समझदार था उसने अनेको रोबोट बनाये बुद्धिमान से लड़की लोशी के साथ मिलकर,, चांद पर खेती, मंगल पर खेती, आकाश में लाल और नीली बत्ती,, ना कोई भगवा ना कोई हरा ना कोई नीला ,, है जगह बस मशीने ही मशीने,, खाना बनाने की मशीन, खिलाने की मशीन, धोने की मशीन, नहलाने की मशीन, कपड़े की मशीन, अनाज उगाने की मशीन, लड़ने की मशीने, चलने, फिरने, गाने बजाने, खेलने कूदने हर पल इंसान अपने आपको मशीनों से घिरा पायेगा में तो कहता हूं इंसान खुद एक मशीन बनकर रह जायेगा।।
✍️ मेरे दोस्त दीपक तुम हम 20 ओर 21 वी सदी के इंसानो को पिछड़ा तो बोल सकते हो लेकिन हमने जो जीवन जिया है वैसे जीवन दीपक तुम इन मशीनों के साथ कभी नही जी पा आओगे।।
✍️कालू को कालसी बना सकते हो,, गुड्डदराम को गोद्रिक बना सकते हो, दाखुड़ी को द्राक्षी बना सकते हो लेकिन यहां का माहौल, खुलापन,, ये समाजवाद, प्रकति, संस्कार,, संभ्यता से हमेशा वंचित रहोगे जिसकी खालीपन तुम्हारा वो मशीनी युग कभी पूरा नही कर पायेगा।।।
✍️ हम 2021-22 के इस ठंडी धरती पर,, किसान आंदोलन की छाया में,,समाजवाद की गहराई के साथ, अपनत्व की पाठशाला में गुजारते जीवन मे लक्षा से लिच्छ काकू बनकर भी खुश है तो लिच्छ बा बनकर भी खुश ही रहैंगे।।।

लक्ष्मण चौधरी – जिलाध्यक्ष जाट महासभा पाली 8982409094