बड़ी बेटी ने दी मुखाग्नि, जून में छुट्टी पर आने वाले थे कन्हैया अपने गांव, लेकिन तिरंगे में लिपटी उनकी देह पैतृक पहुंची गांव जाट महासभा आष्टा ने किया दुख व्यक्त
तेजल ज्ञान/धनंजय जाट। गुणावद गांव के 32 वर्षीय कन्हैया का 2008 में भारतीय सेना में चयन हुआ था वे सेना कि CMP यूनिट में सिक्किम मे पदस्थ थें। शहीद कन्हैयालाल की पत्नी और दो छोटी बेटियां भी है। छोटी बेटी 3 वर्ष एवं बड़ी बेटी 6 वर्ष की है। जून में छुट्टी पर आने वाले थे कन्हैया अपने गांव कन्हैया जून में छुट्टी पर अपने गांव आने वाले थे लेकिन अब तिरंगे में लिपटी उनकी देह पैतृक गांव पहुंची है। गांव के बेटे कि शहादत से पूरा गांव गमज़दा है और पूरे क्षेत्र में शोक कि लहर है।
रतलाम के सपूत शहीद कन्हैयालाल जाट पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान और सेना के प्रोटोकॉल के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़ी बेटी आराध्या ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।
कन्हैया को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी।
कन्हैया को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। इस मौके पर शहीद कन्हैया की पत्नी और बेटी आराध्या ने सेल्यूट करके शहीद को सलामी दी।
नम आंखों से ग्रामीणों ने अपने लाल को विदाई दी
अपने लाड़ले सपूत को विदाई देने लोगों का जनसैलाब कोरोना गाइडलाइन के बावजूद गुणावद गांव में उमड़ पड़ा।
सिक्किम में शहीद हुए कन्हैया का पार्थिव शरीर सुबह जैसे ही पैतृक गांव गुणावद लाया गया, पूरा गांव गमगीन हो गया। नम आंखों से ग्रामीणों ने अपने लाल को विदाई दी। जगह जगह ग्रामीण ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसा कर शहीद के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कि।
बड़ी बेटी ने दी मुखाग्नि
कन्हैया लाल की बड़ी बेटी आराध्या ने मुखाग्नि दी।
गौरतलब है कि शनिवार को सिक्किम में हुए हादसे में कन्हैया लाल जाट शहीद हुए थे ।
जाट महासभा आष्टा ने किया दुख व्यक्त
अखिल भारतीय जाट महासभा आष्टा ने दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से परिवार को दुख सहन करने की प्रार्थना की एवं शहीद कन्हैयालाल को नम आंखों से जाट महासभा आष्टा ने श्रद्धांजलि अर्पित कर दुख व्यक्त किया।