तेजल ज्ञान ग्वालियर (धनंजय जाट)। विचारणीय
समस्त सामाजिक बुजुर्ग/नौजवान साथियों/सभी सम्मानीय समाजसेवी जन।
मेरे मन मे अभी हाल ही मे अपने आसपास घटित हुईं घटनाओं से क्षुब्ध होकर एक विचार आया है जो आपसब के समक्ष रख रहा हूं।
विचार है – पुनर्विवाह- परम्परा को समाज मे आवश्यक रूप से चलाने का।
कोविड 19 काल मे जहाँ देश मे असंख्य मौतें हुईं है उनमे बच्चे बूढ़े जवान सभी शामिल हैं।
हमारे समाज के भी कयी लोग इस दुनियां को अलविदा कह गये, दुख तो सभी को सभी का रहता है, पर यहां मे उस जवान पीढ़ी की बात कर रहा हूं जो 18-20 से 40-45 वर्ष की आयु के बीच हैं जिनकी विवाहित जोड़ियां बिछड़ चुकीं हैं ऐसे मे उनका जीवन एकाकी होगया कयी ऐसे परिवार भी हैं जिन परिवार मे 2-5-7- साल के छोटे छोटे बच्चों के सिर से मां का या पिता का साया हट चुका है ।
मेरा तात्पर्य ये है कि हमसब समाजसेवी जन अपने आसपास अपने क्षेत्र मे अपने समाज मे अपनी रिश्तेदारी मे ऐसे परिवार चिन्हित करें और लोगों को समझा बुझाकर संबंध स्थापित कराकर पुनः उन महिलाओं पुरुषों को विवाह के बंधन मे बांधें, जिससे एक दूसरे को जीवनसाथी मिल जायेगा और नौनिहाल बच्चों को सहारा।
पहले कोशिश ये करें कि जहां उनका पहले संबंध हुआ था उसी परिवार मे यदि लड़की की बहिन या लड़के का भाई हो तो वहीं पुनर्विवाह की चर्चा करें और जहाँ ऐसा मुनासिब न हो वहां दूरदराज भी एक दूसरे से संपर्क कराकर ऐसे संबंध जुड़वायें ।
ये भी एक बडी समाज सेवा होगी, बहुत से परिवार टूटने से बच जायेंगे।
अतः यह सुझाव विचारणीय है आपसब विचार करें और इस काम मे सहयोग करें।
बस ऐसे परिवारों की जानकारियां सम्मिट करे मोबाइल नंबर के साथ ।
🙏🙏🙏🙏
कवि – राणा भूपेंद्र सिंह -प्रवक्ता
परामर्शदाता- विलासपटेल इंदौर प्रदेशाध्यक्ष।
राजेंद्र सिंह जाट पचोर – राष्ट्रीय सचिव एवं प्रभारी मध्यप्रदेश।
श्रीमती-अजुध्या गोदारा – प्रदेशाध्यक्ष महिलामोर्चा