तेजल ज्ञान हरियाणा (हरपाल सिंह राणा)। समाज के लिए समर्पित व्यक्तियों का कार्य ही उनकी पहचान का दस्तावेज होता है, ऐसे ही दिल्ली के प्रसिद्ध समाजसेवी है चौधरी हरपाल सिंह राणा, जिनके लिए यह कहा जाए कि ‘व्यक्ति एक आयाम अनेक’ तो गलत नहीं होगा। हाल ही में अपने परिवार सहित शिमला पर्यटन को गए थे, लेकिन राणा वहां पर भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में ही व्यस्त हो गए, उन्हें वहां पर भी एक पंथ दो काज की कहावत को सिद्ध किया।
गिलोय के औषधिये गुणों से व्यक्तियों की सुरक्षा और उपचार के लिए वे लम्बे समय से इस कार्य में लगे है, जिस प्रकार से राष्ट्रीय पक्षी मोर है, राष्ट्रीय पुष्प कमल है उसी प्रकार से उनके द्वारा चलाए जा रहे गिलोय को राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय औषधि घोषित कराने के लिए के रास्ते में अनेकों जगह पर गिलोय का वितरण किया और रास्ते में बोया भी, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के अनेकों सामाजिक संस्थाओं और स्वास्थ्य पर कार्य करने वाले सामाजिक व्यक्तियों से मुलाकात करके गिलोय के प्रचार-प्रसार, उपयोग और राज्य औषधि घोषित कराने पर चर्चा की। वही दूसरा उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सहजल, शिमला की महापौर सत्या कौंडल, उपमहापौर शलेन्द्र चौहान आदि राजनीतिक व्यक्तियों से भी मुलाकात करके गिलोय को हिमाचल प्रदेश की राज्य औषधि घोषित कराने का अनुरोध करके समय का सदुपयोग किया।
ऐसा करना आसान नहीं होता है क्योंकि जिस उद्देश्य के लिए आप गए हैं उस उद्देश्य के अलावा दूसरे कार्य पर समय निकालना और वह भी राजनीतिक व्यक्तियों से मुलाकात करना कठिन होता है, समय लेना उनके गंतव्य पर जाना मुश्किल कार्य है। लेकिन यह चौधरी हरपाल सिंह राणा की पिछले 30 वर्ष से अधिक समय से निभाई गई (वीडियो) सामाजिक जिम्मेदारी और कार्यपद्धती को दर्शाता है की वह अपने शिमला के 5 दिन के प्रवास के दौरान पहले से कोई कार्यक्रम तय ना होने के बावजूद 4 दिन राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य के स्वास्थ्य, मंत्री शिमला की महापौर और उपमहापौर से मिले और पांचवें दिन वहां पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के माध्यम से अपनी मांग जोर शोर से उठाई, जिसको मीडिया ने भी हाथों हाथ लिया और आप देख रहे हैं अनेकों अखबारों मैं खबर छपी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबर छा गई। यह सब हुआ उनके द्वारा लगभग 200 महत्वपूर्ण ऐसे ही विषयों पर निभाई जा रही अपनी जिम्मेदारी के बदौलत।
चाहे विषय शहीदों का हो, भाषा का हो, स्वास्थ्य का हो, शिक्षा का हो, प्रशासनिक सुधार का हो आदि विषयों पर वह कई 10 को से देश के सभी राज्यों और भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय को प्रतिदिन एक विषय पर लगभग 40 पत्र लिख रहे हैं आओ देखते हैं हरपाल सिंह राणा के पहाड़ों की नगरी शिमला के और भी आयाम जिनमें है जन सचिवालय कादीपुर में नियमित कार्रवाई की निगरानी करना, नियमित पत्राचार को देखना, नियमित सैर और योग करना, इसके बावजूद घूमने का समय निकालना उनकी कार्यकुशलता और कार्यपद्धती को दर्शाता है हम कामना करते हैं कि उनकी दीर्घायु हो और वह समाज के लिए इसी तरह कार्य करते हैं।
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