तेजल ज्ञान जयपुर। जब भी हम जाट बहुल क्षेत्रों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान सामने आते है, परंतु मध्यप्रदेश, उत्तरी गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अच्छी संख्या में जाट रहते हैं।
आज हम हिमाचल प्रदेश के जाटों की बात करते हैं हिमाचल प्रदेश जाटों की जनसंख्या 18% से भी ज्यादा है, हिमाचल प्रदेश में जाट ग्रिथ, बहती, चांग जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जैसे हरियाणा में भिवानी, दादरी बैल्ट के जाटों को बागडी, रोहतक बैल्ट के जाटों को देशवाली और यूपी में हापुड़, अमरोहा बैल्ट के जाटों को पछादे जाट बोलते है, इसी तरह हिमाचल प्रदेश के जाट ग्रिथ, बहती, चांग जैसे नामो का प्रयोग करते हैं, हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा जाट कांगरा जिले में रहते हैं जिसमें जाट कुल जनसंख्या का 35% से ज्यादा है, हिमाचल प्रदेश में जाट राजस्थान से 8 वी से 12 वी शताब्दी के बीच जाकर बसे, ज्यादातर गोत्र राजस्थानी जाटों से मिलती है, हमीरपुर, ऊना, कांगरा, चंबा में जाट जनसंख्या काफी संख्या में है यहाँ देशवाली और पंजाबी सिख जाट भी रहते हैं।
ज्यादातर जाट समुदाय खेती और किसानी ही करते हैं, हिमाचल प्रदेश के जाट राजनीतिक तौर पर अन्य राज्यों के जाटों की अपेक्षा पीछे है, इसका मुख्य कारण वहाँ जाट संगठित नहीं है, हिमाचल प्रदेश के जाट धीरे धीरे जागरूक हो रहे हैं, और जाटों की मुख्य धारा से जुड रहे हैं, धीरे धीरे कुछ वैवाहिक संबंध भी जुड रहे हैं, हम आशा करते हैं भविष्य में हिमाचल प्रदेश के जाट भी पूरे भारत में जाने जायेंगे।
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