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कोरोना से मानव जाति खतरे में – लाखन सिंह जाट

तेजल ज्ञान
लाखन सिंह जाट
विदिशा मधय प्रदेश
समाजसेवी, चिंतक, विचारक, लेखक

कोरोना से मानव जाति खतरे में…                         विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है। कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
कोवाइड-19 / कोरोना वायरस में पहले बुख़ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा, मधुमेह या हार्ट की बीमारी है उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है। ज़ुकाम और फ्लू में के वायरसों में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं।

कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तब?
इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं।
जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें।
कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है।
इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा।
कुछ अस्पताल एंटीवायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं।

क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इनके मुताबिक हाथों को साबुन से धोना चाहिए।
अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है।
खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढंककर रखें।
जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों, उनसे दूरी बनाकर रखें।
अंडे और मांस के सेवन से बचें।
जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है।
अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा।
जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

मास्क पहनने का तरीका :-
मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए।
अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए।
मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढंका रहे।
मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए।
हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए।
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं।
अपने हाथ अच्छी तरह धोएं।
खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढंक लें।
हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।
कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोकें?
सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें।
घर में मेहमान न बुलाएं।
घर का सामान किसी और से मंगाएं।
ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं।
अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं, तो ज़्यादा सतर्कता बरतें।
अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें।
14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके।
अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है। अत: घर पर रहें।
लगभग 18 साल पहले सार्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था। 2002-03 में सार्स की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पूरी दुनिया में हजारों लोग इससे संक्रमित हुए थे। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था। कोरोना वायरस के बारे में अभी तक इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है। कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते।
कोरोना वायरस को लेकर लोगों में एक अलग ही बेचैनी देखने को मिली है। मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी हो गई है, क्योंकि लोग तेजी से इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं जिससे कि कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।

कोरोना वायरस क्या है?

इस वायरस का सबसे

पहले चीन के‘वुहान’ प्रान्त में देखा गया जो धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल चुका है।

कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेजकन प्रिावी वायरस है कोरोना वायरस मानव की
तुलना में900 गुना छोटा है लेजकन कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फ़ैल रहा है
और बहुत ही घातक वायरस है।
संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके
और बहुत ही घातक वायरस है।
कोविड-19 के कारण विश्व की मानव जाति आज खतरे में है क्योंकि चारों और से मानव जीवन संकट में है चाहे वह आर्थिक संकट हो सामाजिक संकट हो या धार्मिक संकट।
हर तरफ बेरोजगारी महंगाई आर्थिक संकट बच्चों का भविष्य धार्मिक संकट कोरोना के कारण व्यक्ति अपनी रोजी रोटी से हाथ धो बैठा है क्योंकि हजारों लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं अनेकों कंपनियां फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं जिसके कारण देश में भुखमरी फैलने की संभावना बनी हुई है सरकार के पास बजट की कमी है आर्थिक तंगी है जिसके कारण विकास संभव नहीं है हर तरफ बेरोजगारी महंगाई फेल रही है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के युवा रोजगार की तलाश में बड़े-बड़े महानगरों की ओर पलायन कर रहे थे जिससे अपना आर्थिक लालन पालन कर रहे थे परंतु कोविड़ 19 के कारण सभी बेरोजगार हो गए कंपनियों द्वारा फैक्ट्रियों द्वारा लोगों को निकाला गया
जो ग्रामीण अपने गांव में छोटे-मोटे कच्चे-पक्के मकानों में जीवन यापन करते थे वह मकान व झोपड़ियां या तो बेच दी गई या फिर मिट्टी में समा गई जिसके कारण ग्रामीण युवा ना गांव के रहे ना शहर के हर तरफ से उनके ऊपर रहने का खाने का उपचार का संकट है।
कोविड-19 के कारण अनेकों जिंदगियां मौत के मुंह में समा गई क्योंकि यह बीमारी एक से दूसरे फैलने वाली बीमारी है पहली लहर में इसका प्रभाव भारत में कम रहा सरकारों की तैयारी भी तारीफ के काबिल थी परंतु दूसरी लहर में सरकार प्रशासन सामाजिक व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की अपेक्षा भगवान भरोसे रही लोगों को उपचार नहीं मिल सका ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था ना होना सबसे मुख्य कारण रहा विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव जनता की स्वयं की जिम्मेदारी का अब अभाव शासन प्रशासन के दिए गए नियमों का उल्लंघन बहुत बड़ा कारण बना और उसका खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ा।
एक-एक दिन में हजारों की संख्या में मृत्यु हुई शमशान कम पड़ गए क़ब्रिस्तान कम पड़ गए ना कोई उठाने वाला रहा ना कोई जलाने वाला रहा ना कोई दफनाने वाला रहा हर तरफ से परेशानी रही।
दो महीने तो मौत का ऐसा तांडव चला की चारों तरफ व्याप्त मात्रा में खौफ बना रहा।
इस बीमारी में ऐसा नहीं कि केवल बुजुर्गों या फिर पूर्व से ग्रस्त बीमारी के कारण लोग मौत के काल में समा गए परंतु दुर्भाग्य यह रहा की अनेकों नौजवानों की भी मृत्यु इस कोरोना से हो गई।
कई फिल्मी, राजनीतिक, चिकित्सकों सामाजिक समाजसेवी, नौकरशाहों की भी मृत्यु कोरोना के कारण हुई।
बेरोजगारी के साथ-साथ सामाजिक दूरी होने के कारण लोग तनाव में है परेशान हैं जिनके परिवार वाले रिश्तेदार इस दुनिया से चले गए उनके लिए बहुत बड़ा संकट है।
दूसरी ओर शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों का भविष्य अंधकार में है क्योंकि लगभग 2 वर्ष होने वाले हैं ना ही विद्यालय महाविद्यालय खुल रहे हैं बल्कि छात्र भी पढ़ाई में कमजोर होते जा रहे हैं ऑनलाइन पढ़ाई के कारण छात्रों में मोबाइल नेट के कारण गलत आदतें आती जा रही हैं।
जो कि भविष्य में चिंताजनक है सभी विद्यार्थी कक्षा 10 से लेकर कक्षा 12 तक उत्तीर्ण कर दिए गए आगे चलकर यही छात्र देश का भविष्य होंगे।
इन सभी कारणों के कारण बच्चे आलसी प्रवृत्ति के हो गए उनकी दिनचर्या बिगड़ गई।
दूसरी लहर समाप्ति की ओर है परंतु तीसरी लहर की आने की संभावना है और उसका मुख्य कारण जनता प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करना व्यापारियों एवं जनता को नियम कानूनों को मानने की आवश्यकता है परंतु बाजारों में कार्यालयों में ऐसा देखने को मिलता नहीं ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना तो गया किसी प्रकार की कोई कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया जाता हर तरफ भीड़ ही भीड़ दिखती है ना ही सामाजिक दूरी ना ही व्यक्तिगत दूरी नहीं दिखती चाहे वह सब्जी मंडी हो अनाज मंडी हो हाट बाजार हो रेलवे स्टेशन हो बस अड्डा हो सभी में भीड़ भीड़ भीड़ मास्क का
उपयोग करना बंद कर दिया सेनीटाइज का उपयोग भी बंद कर दिया।
सामाजिक आयोजनों पर भी बड़ी अधिक मात्रा में अधिक संख्या में आयोजन किए जा रहे हैं चाहे शादी विवाह हो अंत्येष्टि हो गंगा पूजन हो सभी कार्यक्रम बड़े ही सुचारू रूप से चल रहे हैं ऐसा माना जा रहा है कि अब तो जंग जीत गए।
जिस समय देश कोरोना से लड़ रहा था उसी समय कुछ व्यापारी बंधु कालाबाजारी में लगे हुए थे किराने वाले व्यापारी दूध वाले व्यापारी सब्जी वाले व्यापारी और चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित चिकित्सक मेडिकल संचालक सभी कालाबाजारी में मस्त थे उनको लग रहा था की सब की जान खतरे में है परंतु हमको केवल व्यापार करना है मनुष्य की आवश्यक वस्तुओं को ऊंचे दामों पर बेचकर खूब पैसा बटोरा बहुत ही निंदनीय घृणित है।
एक समय था जब मनुष्य मनुष्य के काम आता था संकट के समय अच्छे बुरे समय में एक दूसरे का साथ देते थे परंतु कोरोना के समय ऐसा देखने को नहीं मिला।
अनेकों सामाजिक शासकीय संस्थानों ने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए जान जोखिम में डालते हुए निष्पक्ष निस्वार्थ काम करते रहे सेवा करते रहे चाहे वह चिकित्सक हो नर्सिंग स्टाफ हो या फिर कोरोना काल में लगाई गई ड्यूटी वाले कर्मचारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नगर पालिका के कर्मचारी सफाई कर्मचारी विद्युत मंडल में कार्य करने वाले कर्मचारी रेलवे कर्मचारी लायंस क्लब के सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता सेवा भारती के कार्यकर्ता अनेकों राजनीतिक दलों के भी कार्यकर्ता इस कार्य में लगे रहे सेवा करते रहे।
जैसे मास्क का वितरण करना भोजन वितरण करना आवासीय व्यवस्था करना चिकित्सकों की व्यवस्था करना औषधि की व्यवस्था करना इत्यादि। सामाजिक लोग लगे रहे वास्तव में इस मानव जीवन के लिए सेवा करना बहुत ही उत्तम है।
जो परिवार अपने परिवार के सदस्य को मृत्यु होने पर छोड़कर भाग कर चले गए थे उन बंधुओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा अंत्येष्टि की गई अस्थियों का संग्रह किया गया अस्थियों का विसर्जन किया गया।
इस प्रकार के जोखिम भरे कार्य में भी लोग लगे रहे साहस वाला कार्य किया गया।
हम सबको इन बंधुओं से सीख लेने की आवश्यकता है की विकट संकट में भी किस प्रकार से काम किया जाता है सेवा की जाती है।
चीन का षड्यंत्र कोरोना जैसी घातक बीमारी संपूर्ण विश्व में फैलाना जिससे कि सभी देशो का जीवन अस्त व्यस्त हो जाए अब विश्व में ऐसा माहौल चल रहा है की युद्ध होना तो संभव नहीं है परंतु इस प्रकार का युद्ध फैला सकते हैं षड्यंत्र द्वारा।।

 

 

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