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धार जिले से पहला वायुसेना अधिकारी बनेगा करण चौधरी

मुलथान में मंच पर नागरिक अभिनंदन किया गया।

तेजल ज्ञान धार (जितेन्द्र चौधरी)। प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नही होती। इस कथन को बदनावर तहसील के ग्राम मुलथान जिला धार के प्रतिभावान छात्र करण पिता जितेन्द्र चौधरी ने सार्थक कर दिखाया है। करण ने मुश्किल समझी जाने वाली संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की लिखित परीक्षा 17अप्रैल को देहरादून में दी थी। 30 जून को घोषित परिणाम में उसने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के लिए पात्रता हासिल की। फिर अल्प समय मे ही इंदौर और देहरादून में तैयारी कर 9 से 13 अगस्त तक वाराणसी केंट में एसएसबी और इंटरव्यू दिया। पांच दिवसीय एसएसबी में 150 कैडेट्स शामिल हुए थे जिनमें से 72 शुरू दिन ही बाहर हो गए थे। शेष 78 को पांचों दिन अलग-अलग टास्क दी गई, उनमे से भी केवल 10 का ही सिलेक्शन हुआ। अब 18 से 23 अगस्त तक दिल्ली में मेडिकल टेस्ट पास करने के बाद करण 3 साल के गहन प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला (पुणे) जाएगा।पहली पोस्ट वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर की मिलेगी। ये पोस्ट प्राप्त करने वाला करण चौधरी धार जिले का पहला छात्र है।

कश्यप विद्यापीठ में प्रशस्ती पत्र देकर सम्मान किया गया।

शांत स्वभाव के करण ने अपनी 11वीं तक की स्कूली शिक्षा कश्यप विद्यापीठ, बदनावर और 12वीं की पवन कान्वेंट स्कूल कोद से पूरी की है। करण शुरू से ही अंतर्मुखी और एकाग्र स्वभाव का रहा है।घर और पढ़ाई ही उसकी प्राथमिकता रही। कक्षा 10वीं में 90% और 12वीं में गणित संकाय में उसने 87% अंक लेकर सभी विषयों में विशेष योग्यता प्राप्त की है। बालपन में संस्कार और संस्कृति की समझ हेतु दो साल उसे सरस्वती शिशु मंदिर में अध्यापन करवाया। घर पर प्राथमिक शिक्षा उसकी माताजी रीना चौधरी ने दी, पिता जितेन्द्र चौधरी उसकी लगातार काउंसलिंग करते रहते थे।पारिवारिक संस्कारो को शीघ्रता से ग्रहण करने की उसकी प्रवत्ति स्कूली शिक्षा में भी काफी काम आई।उसने 10वीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि उसे भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त कर अधिकारी बनना है। 11वीं के बाद उसने कोद के पवन कान्वेंट स्कूल में डमी एडमिशन लेकर देहरादून के दून इंडियन डिफेंस एकेडमी में प्रवेश लिया। 7 माह तक प्रतिदिन सुबह 5 से रात 11 बजे का शेड्यूल तय कर 10-12 घण्टे तैयारी की। लिखित परीक्षा पास करने के बाद फर्राटेदार अंग्रेजी और स्पष्ट वार्तालाप बड़ी चुनौती थी। मात्र 25 दिन में घर के सभी सदस्यों ने उसे तैयारी करवाई। एसएसबी 9 अगस्त सोमवार से शुरू हुई थी। उस दिन सुबह से ही उसके माता-पिता मुलथान के राजा मुलेश्वर महादेव का अभिषेक और विशेष पूजन में लगे हुए थे। मंदिर में ही सूचना मिली कि करण पांचो दिन रुकेगा।पांचो दिन सभी उसकी सफलता की कामना करते रहे। 13 अगस्त रात्री 9:15 बजे एसएसबी पास करने की सूचना मिलते ही ग्राम में हर्ष व्याप्त हो गया। नागपंचमी होने से तेजाजी महाराज की जात्रा में उसके दादाजी ने पूजा कर मिठाई बांटी। दूसरे दिन तो पूरे क्षेत्र में सोशल मीडिया और न्यूज पोर्टलों में करण की सफलता का समाचार छाया रहा।

नामली में जाट समाज ने स्वागत किया।               उसकी उपलब्धि पर क्षेत्रीय विधायक व उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने हर्ष व्यक्त कर बधाई प्रेषित की। मुलथान में भी ग्रामवासियों में हर्ष और उत्साह का वातावरण बन गया। परिजनों ने आतिशबाजी कर मिठाई वितरित की। करण सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक जगदीश चंद्र कुड़ी (जाट) का पोता है। 24 अगस्त को दिल्ली में मेडिकल टेस्ट पूर्ण कर घर लौटने पर अगले दिन कश्यप विद्यापीठ, बदनावर में प्राचार्य और समस्त शिक्षकों ने प्रशस्ती पत्र भेंटकर उसका सम्मान किया। ग्रामवासियों ने भी उसके घर से तेजाजी मंदिर तक धूमधाम से जुलूस निकाला। पूजन-अर्चन के बाद अटल चौराहे पर मंच बनाकर नागरिक अभिनंदन किया गया। रास्ते में भी जगह-जगह लोगों ने पुष्पहार पहनाए और महिलाओं ने आरती उतारी।28 अगस्त को करण के ननिहाल नामली (रतलाम) में भी मामा (नारदनीया परिवार) और जाट समाज ने भव्य जुलूस निकालकर सम्मानित किया। ओर सभी का करण के मामा डॉ सुभाष चौधरी (डेरमिटोलॉजिस्ट) ने सबका आभार व्यक्त किया।

करण चौधरी आपने अपने परिवार एवं समाज का नाम रोशन किया है। आपकी सफलता पर तेजल ज्ञान पत्रिका परिवार एवं समस्त जाट समाज की ओर से हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं

 

 

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