
तेजल ज्ञान ग्वालियर (श्री डॉ०रणधीर सिंह रूहील)। ताऊ देवी लाल जिसने अपना प्रधानमंत्री का पद बी पी सिंह को दे दिया, दूसरी मिशाल नहीं मिलेगी। शत शत नमन। दूसरी ओर खूनी खेल। मान भी जाओ भाइयो-बंटी भारद्वाज को रोहिणी कोर्ट में 35 पुलिस कर्मियों की सिक्योरिटी में 52 गोलियाँ मारने वाले जितेंद्र सिंह मान उर्फ गोगी का अंत भी आज वैसे ही हुआ, इसी साल गोगी ने रवि भारद्वाज को भी मारा था इन इसके अलावा 8 जाटो समेत गोगी ने कुल 13 लोगो को मारा था, आठो मरने वाले जाट भी मान गोत्त के थे कभी इन्ही मान जाटो का दादा एक ही था, पहले गोगी रोहिणी कोर्ट में आतंक मचाता था आज दूसरे जाटो ने उसी रोहिणी कोर्ट में उसका आतंक खत्म कर दिया, मारने आये दोनों लड़के भी जाट थे जिन्हें पुलिस ने उसी समय ऊपर भेज दिया, दिल्ली के जाटो के सभी गाँवो में ये खूनी खेल सैंकड़ो पीढ़ियों से खेले जा रहे है, यही हाल हरयाणा, पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटो का है, हर साल 2000 से ज्यादा जवान जाट एक दूसरे के हाथों मारे जाते है, 400 से ज्यादा जाट बॉर्डर पर हर साल शहीद होते हैं, क्या ये वीरता और आक्रामकता सिर्फ एक दूसरे को मारने के लिए है? देश मे 2% से भी कम जाट है इसी तरह एक दूसरे को मारते रहे तो एक दिन अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
