
तेजल ज्ञान न्यूज़ रिपोर्टर (महेंद्र सिंह खोखर घसीपुरा)। राजस्थान अजमेर उद्योगपति भामाशाह व समाजसेवी आदरणीय पाबूराम गिटाला निवासी भैया खुर्द (मकराना) हाल निवासी किशनगढ़ (अजमेर) ने एक बार फिर समाज के लिए एक मिसाल पेश की है।
बुधवार को अपने छोटे पुत्र कैलाश गिटाला, जिनकी शादी
सरिता पलसानियां पुत्री श्री नेमाराम पलसानियां, ग्राम लूणदा (डीडवाना) हाल निवासी बीकानेर वालों के साथ सम्पन्न हुई जिसमें शगुन के रूप में एक रूपया व नारियल लेके दहेज लोभियों को कड़ा संदेश दिया है। साथ ही समाज के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
ज्ञात रहे कि तीन वर्ष पूर्व भी श्री पाबूराम जी गिटाला ने अपने बड़े पुत्र प्रदीप गिटाला, जिनकी शादी
शीशपाल गिला निवासी किशनगढ़ रेनवाल के यहां सम्पन्न हुई थी, जो पूर्णतया दहेज मुक्त शादी की थी।
समाज के आदरणीय व समाज सेवी लोग जब इस तरह की सराहनीय पहल शुरू करते हैं तो स्वतः ही समाज को एक अच्छा संदेश जाता है।
आज दहेजरूपी कुत्सित मानसिकता ने ना जाने कितने घर परिवार बर्बाद कर दिए ,और जाने कितनी बेटियों के जीवन लील लिये। गरीबी और कर्ज में डूब रहे बेटियों के परिवारों को ऐसी दहेजरहित शादियों के उदाहरण जरूर सुकून प्रदान करते हैं।
किसी भी अच्छे कार्य के लिए शुरूआत कठिन हो सकती है पर नामुमकिन नहीं होती।
सेठ पाबूराम जी गिटाला जैसे आदर्शवादी व्यक्तित्व के इंसानों से समाज के आम नागरिकों को सबक लेना चाहिए कि दहेज रूपी भीख से कभी कोई व्यक्ति अमीर नहीं हो सकता। बल्कि अमीरी वह होती है कि घर में बहू की जगह एक बेटी को लाये।
धन्य है हमारे समाज के सेठ पाबूराम गिटाला व तमाम वो शख्सियतें जिन्होंने अपने घर से इस रूढिवादी परंपरा को खत्म करने का साहस दिखाया है।
आशा करते हैं हमारे नौजवान युवा पीढ़ी से कि वे ऐसे भामाशाहों से प्रेरणा लेकर समाज में एक नयी चेतना व जाग्रति का प्रसार करेंगे।
एक बार पुनः सर्वसमाज की तरफ से सेठ पाबूराम गिटाला को बहुत बहुत बधाई व धन्यवाद व पुत्र कैलाश को शादी की हार्दिक शुभकामनाएं