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जलियांवाला बाग हत्याकांड: नरसंहार के 103 साल पीएम मोदी ने शहीदों के बलिदान को किया नमन

तेजल ज्ञान ब्यूरो चीफ शेरसिंह चाहर जयपुर– 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश साम्राज्य के जनरल डायर ने वैशाखी के पर्व पर पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में लगे मेले में आए लोगों पर गोलियां चलवा दी थी। निहत्थी जनता पर अचानक गोलियों की बौछार हुई और बूढ़ों से लेकर जवान और बच्चे भी जहां-तहां अपनी जान बचाने के लिए भागे। वहां मौजूद कुएं में कितनों ने अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन वह कुआं भी लाशों के ढेर से भर गया। हज़ारों सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए और इलाज ना मिलने के कारण तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ दिया। दुनिया के इतिहास में यह एक भयावह और निर्मम हत्या कांड रहा। इस हत्याकांड में भारतीयों की जान गई लेकिन इसके बाद लोगों में आज़ादी का आक्रोश फूट पड़ा। ऊधमसिंह, भगतसिंह, महात्मा गांधी इन सभी लोगों ने आज़ादी की लड़ाई तेज़ कर दी। भारत को आज़ादी मिलने के बाद जलियांवाला बाग को राष्ट्रीय स्मारक का रूप दिया गया। हर साल 13 अप्रैल को यहां इस हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। देशभर में लोग अपने अपने स्तर पर इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

मील ने की जाट विकास बोर्ड बनाने की माँग

तेजल ज्ञान ब्यूरो चीफ शेरसिंह चाहर जयपुर- राजस्थान जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील ने राजस्थान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से जाट, अहीर, सैनी, पटेल-पाटीदार, आंजना, बिश्नोई इत्यादि कास्तकार जातियों का विकास बोर्ड बनाने की माँग की है राज्य सरकार ने विभिन्न जातियों, समाजों के विकास बोर्ड बनाए हुये है अभी हॉल ही में राज्य सरकार ने विप्र विकास बोर्ड का गठन किया है जाट जाति सहित अन्य कास्तकार जातियां जिनके अभी तक विकास बोर्ड नही बनाए है उनके लिए भी पृथक-पृथक विकास बोर्डों का गठन किया जाये।

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