डॉ. महेश ख्यालिया की वजह से जाट कॉलेज के 4 साल बर्बाद हुए : एडवोकेट चंचल नांदल ने संस्था के डायरेक्टर व प्रिंसिपलों को गड़बड़ी न करने के लिए चेताया।
तेजल ज्ञान दिनांक :- 24 जुलाई 2022
रोहतक (डॉ० कुलवीर बैनीवाल, जिला ब्यूरो)।
जाट संस्था बचाओ समिति के अथक प्रयासों के कारण जाट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. महेश ख्यालिया को आखिरकार पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनके इस पद से हटने से जाट संस्था के सभी आजीवन सदस्यों में खुशी का माहौल है। यह बात आज जाट संस्था बचाओ समिति द्वारा स्थानीय मैना पर्यटक केंद्र पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए एडवोकेट चंचल नांदल ने कही।
उन्होंने कहा कि डॉ. महेश ख्यालिया की पिछले दरवाजे से की गई गलत नियुक्ति की वजह से जाट कॉलेज के महत्वपूर्ण 4 साल खराब हुए और न ही संस्थाओं को कोई काबिल प्राचार्य मिल पाया। आपको बता दें कि जाट शिक्षण संस्थाओं में पिछले 7 साल से प्रशासक कार्यरत है। प्रशासक के द्वारा ही यह गलत नियुक्ति की गई। जिसमें जाट कॉलेज के प्रिंसिपल पद के लिए जान-बूझकर दिल्ली के अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया। उन्होंने सरकार को चेताया कि आगे इस तरह की नियुक्तियां न की जायें। जिससे शिक्षण संस्थाओं का माहौल खराब न हो सके।
चंचल नांदल ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से पीछे प्रशासक रही अनीता यादव ने संस्था का व्यवसायीकरण करके बगैर ऑनलाइन टेंडर किये अमूल बूथ 4,000 रूपये प्रतिमाह की दर पर दे दिया है। जबकि जाट कॉलेज सरकार के अधीन है और सरकार की नीति के अनुसार कोई भी टेंडर ऑनलाइन तरीके से ही दिया जाता है। जबकि इस मामले में न तो अखबार के माध्यम से कोई सूचना दी गई और न ही कोई ऑनलाइन टेंडर निकाला गया। इसलिए इस टेंडर को जल्द से जल्द निरस्त करके इस बूथ को कॉलेज के अंदर खुलवाया जाये ताकि संस्था का व्यवसायीकरण होने से बच सके। उन्होंने संस्था के सभी डायरेक्टरों व प्रिंसिपलों को चेताया कि अगर संस्था में कोई गड़बड़ की तो समिति उनके खिलाफ मोर्चा खोल देगी और उन्हें बख्शा नहीं जायेगा।
महम चौबीसी के प्रधान तुलसी ग्रेवाल ने कहा कि जाट कॉलेज के अखाड़ा हत्याकांड में पिछले डेढ़ साल से कोई जांच नहीं हुई है। जबकि इस बाबत सरकार को कई बार अवगत करवाया जा चुका है। जिसमें करोड़ों रूपयों का लेन-देन हुआ है। जिसके जिम्मेवार शारीरिक शिक्षा विभाग के मुखिया सुखबीर सिंधु उर्फ सुक्खा है। उन्होंने कहा कि आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी के अनुसार जाट कॉलेज के अखाड़े की देख-रेख में 2 लाख रूपये प्रतिमाह का खर्च आता था। जबकि इसकी करोड़ों रूपयों की कमाई का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया। यहां बाहर के खिलाडिय़ों को पैसे लेकर प्रशिक्षण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर ग्रीवेंस कमेटी में गृह मंत्री अनिल विज के सामने उठाया जायेगा।
प्रैस वार्ता में जाट संस्था बचाओ समिति द्वारा पिछले 1 साल में किये गए कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए गठवाला खाप के राष्ट्रीय महासचिव अशोक मलिक ने कहा कि हमारे संघर्ष की वजह से जाट स्कूल के शिक्षकों को 1.57 करोड़ रूपये वेतन दिलवाया गया। वहीं दिल्ली रोड़ से महारानी किशोरी कॉलेज तक सडक़ निर्माण, पीएफ घोटाले की सेवानिवृत्त सेशन जज से जांच, मास्टर बलदेव व सर छोटूराम की समाधि का जीर्णोधार व सौंदर्यीकरण करवाना, 8 नेशनल फुटबाल खिलाडिय़ों को 1 साल की फीस देना, समाधि स्थल पर बना टायलेट तुड़वाना सहित अनेकों काम जाट संस्था के हित में किये हैं।
इस अवसर पर अठगामा खाप तपा बोहर के प्रधान रणबीर नांदल, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रधान रणबीर सिंह खासा, तिलक नगर आर्य समाज के संयोजक सुखबीर दहिया, पहलवान कृष्ण मोर खेड़ी, देशवाल खाप के कार्यकारी प्रधान संजय देशवाल, देशवाल खाप से नाहर सिंह देशवाल, नांदल खाप के कोषाध्यक्ष डॉ. सुरेश, जाट सभा के सचिव सुभाष कादियान, लोकदल पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप हुड्डा, सुमित सरपंच मकड़ौली, सोनू सरपंच मकडौली खुर्द, गुलिया खाप से सुमित गुलिया, हंसराज राठी, अनूप सिलानी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।