तेजल ज्ञान करतार सिंह करौली। सर्व ओबीसी समाज करौली कि ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम उपखण्ड अधिकारी हिण्डौन अनूप सिंह को ज्ञापन दिया गया ज्ञापन में कार्मिक विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा दिनांक 17/4/2018 को भूतपूर्व सैनिक आरक्षण अधिनियम 1988 में परिवर्तन कर लागू की गई नयी अधिसूचना से ओबीसी पुरुष वर्ग की अधिकतर सीटें भूतपूर्व सैनिकों को आवंटित की जा रही है जिससे ओबीसी वर्ग के पुरुष बेरोजगारों को राजस्थान सरकार की भर्तीयो में नहीं के बराबर नियुक्ति मिल पा रही है। आवेदन प्रस्तुत कर निवेदन किया है कि:
- (क) राजस्थान सरकार ने राजस्थान सिविल सेवायें (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के द्वारा राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों को कुल रिक्तियों का 12.5% आरक्षण दिया हुआ है। इन नियमों में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना दिनांक 17/4/2018 द्वारा संशोधन कर भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण को क्षैतिज आधार पर चयनित अभ्यर्थी की संबंधित श्रेणी की रिक्तियों में समायोज्य करने का प्रावधान कर दिया गया। चूंकि राजस्थान में भूतपूर्व सैनिक अधिकांशतः पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग से ही होते हैं। लिहाजा महिलाओ, विशिष्ट योग्यजन और उत्कृष्ट खिलाड़ियों एवम भूतपूर्व सैनिकों के क्षैतिज आरक्षण पश्चात पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों के लिए कोई भी रिक्ति सामान्यतः उपलब्ध नहीं रहती है
जिसे निम्न उदाहरण से समझा जा सकता है
माना कि किसी सेवा में सीधी भर्ती के लिए 100 रिक्तियां विज्ञापित हुई है। इसमें पिछड़ा वर्ग के लिए 21 रिक्तियां होगी। इसमें से 6 महिलाओ के लिए आरक्षित रहेगी। विशिष्ट योग्यजन व उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आरक्षित 6 में से यदि तीन अभ्यर्थी भी पिछड़ा वर्ग के चयनित हुए और 12 पदों पर भूतपूर्व सैनिक चयनित हुए तो शेष पद शून्य रह जाते हैं। नतीजन, पिछड़ा वर्ग का एक भी सामान्य अभ्यर्थी आरक्षित 21% पद विरुद्ध चयनित नहीं होगा।
- (ख) इनके द्वारा पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों के रोजगार प्राप्ति के समान अवसर प्रदान करने के संवैधानिक हितों की रक्षा करने के लिए राजस्थान सिविल सेवायें भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के नियम 2(31 को संशोधित कर भूतपूर्व सैनिकों के लिए रिक्तियों में आरक्षण श्रेणीवार क्षैतिज आधार पर होगा” का प्रावधान प्रतिस्थापित किए जाने की मांग की गई है। इस संबंध में इनके द्वारा राज्य में उक्त संशोधन पश्चात विभिन्न विभागों में हुई भर्तियों के प्रस्तुत उदाहरणों को देखने के बाद, उक्त नियमों में अधिसूचना दिनांक 17/4/2018 द्वारा किए गए संशोधन को निरस्त कर महिलाओ के लिए किए गए क्षैतिज आरक्षण के समान ही पुनः यथापेक्षित रूप में प्रतिस्थापित किया जाना पूर्णतः न्यायोचित प्रतीत होता है।
अतः पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवाओं के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए, उक्तानुसार संशोधन करने की समुचित कार्रवाही करवाकर अनुग्रहीत करें।
- कार्मिक विभाग के 17-04-2018 के इस नियम संशोधन से OBC पीड़ित अभ्यर्थियों को 2018 से अब तक हुए नुकसान का छाया पद सृजित कर भरपाई की जाए।
- रोस्टर प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू किया जाए राज्य सरकार के अधीन नौकरियों में आरक्षित वर्गों (OBC, EWS, MBC, SC, ST ) को पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रतिस्थापन सिद्धांत से पद भरे जायें। ज्ञापन देने में राजस्थान जाट महासभा करौली जिलाध्यक्ष मनीष चौधरी, महामंत्री विजय सिंह डागुर, जाट महासभा करौली युवा जिलाध्यक्ष करतार सिंह चौधरी धंधावली, राजेन्द्र तोमर, गुलाब सिंह बैनीवाल, धर्मेन्द्र चौधरी, तेजसिंह जमालपुर, पूर्व सरपंच चन्द्रपाल बैनीवाल, युवा जाट समाज चौरासी महू ब्रांच अध्यक्ष नरेश सोलंकी, जाट समाज चौरासी संगठन मंत्री पिन्टू सोलंकी, नाहर सिंह डागुर , राजेश सोलंकी, राकेश डागुर, पार्षद सोनू बैनीवाल, चरणसिंह सोलंकी, सुरेन्द्र डागुर, कर्मेन्द लहकोडिया, अवधेश डागुर , कल्याण पटैल, दीनदयाल बैनीवाल , सोनू बैनीवाल मण्डावरा, भूरामल जाट , दीपक सैन, अजय बैनीवाल, मुकेश चौधरी, रघुवीर डागुर, रोहित बैनीवाल, प्रदीप बैनीवाल, अमनसिंह , पवन चौधरी, मोनू डागुर, समयसिंह , देवकीनंदन आदि मौजूद रहे।