प्रति,
श्रीमान गौतम सिंह
कलेक्टर महोदय,
मन्दसौर (म.प्र.)
विषय :- महान जाट सम्राट यशोधर्मन के ऐतिहासिक तथ्यों से हुई छेड़छाड़ बावत !
महोदय,
हमारे संज्ञान में आया है कि मन्दसौर नगरपालिका द्वारा महान जाट सम्राट यशोधर्मन की प्रतिमा लगाई जा रही है जो बड़े हर्ष का विषय है परंतु समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से हमे जानकारी मिली है कि महान जाट सम्राट यशोधर्मन के ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर उन्हें अन्य समुदाय से जोड़ा जा रहा है जो सरासर गलत है,जबकि यशोधर्मन जाट समुदाय से आते है। पत्रिका समाचार पत्र में प्रकाशित खबर में सम्राट यशोधर्मन को ब्राम्हण समुदाय का बताया गया है जिससे पूरे देश का जाट समुदाय आक्रोशित हो गया है और उस न्यूज़ कटिंग का सोशल मीडिया से लेकर धरातल पर जबरस्त विरोध हो रहा है। जब छठी सदी में हूणों ने भारत पर अनेक ताबड़-तोड़ आक्रमण किये और पूरा भारत थर्रा उठा था, उन्ही हूणो को हराने का श्रेय महाराजा यशोधर्मन विर्क को है,जो मालवा (मध्यप्रदेश) मन्दसौर के विर्क वंश के जाट राजा थे जिसके कई ऐतिहासिक साक्ष्य भी मौजूद है।मन्दसौर जिले के सोंधनी में पाए गए शिलालेख पर “अजय जट्टो हूणा “नाम अंकित है जिसका अर्थ है हूणो को पराजित करने वाले जाट। अतः इन शिलालेख से ये प्रमाणित हो जाता है कि सम्राट यशोधर्मन जाट समुदाय से थे।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि जाट समुदाय की भावनाओ को ध्यान में रखते हुए इस गम्भीर त्रुटि को सुधार कर अपना स्पष्टीकरण देते हुए यशोधर्मन को जाट सम्राट घोषित करे अन्यथा जाट समुदाय अपनी मांग के लिए आंदोलन एवं विधिक कार्यवाही करने को बाध्य होगा।
विलास पटेल
प्रदेश अध्यक्ष
अर्जुन चौधरी (भाकर)
हाईकोर्ट अधिवक्ता
प्रदेश मीडिया प्रभारी
मो.9669874145
अखिल भारतीय जाट महासभा मध्यप्रदेश एवं समस्त जाट समाज।
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