- तेजल ज्ञान कृष्णपाल सिंह तेवतिया मथुरा। आज के समयानुसार मानव की मानवीय भावना को व्यक्त करने, समझाने के लिए शिक्षा एक अनिवार्य विषय है, जिसमें समाजिक, स्वास्थ्य, जीवन शैली, विचार, आचरण आदि सभी महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं। अंततः शिक्षण एव सामाजिक कार्यक्षेत्र से जुड़ाव रखने वाले डा: कृष्ण पाल सिंह तेवतिया (प्रवक्ता भौतिकी, मथुरा) ने “उजली राहों पर उड़ते परिन्दे” नामक पुस्तक, मानव के इन्ही भावों को ध्यान में रखते हुए लिखी है। इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य आज-कल के अनुभव को संक्षिप्त एवं बहुत सरल तरीके से प्रस्तुत करना है; ताकि एक आम पाठक भी बुनियादी बातों को समझ सकें। आधुनिक समय की समस्याएँ केवल संख्यात्मक नहीं; अपितु तर्क पर ध्यान केंद्रित करती हैं और विचारशील विश्लेषण की आवश्यकता को दर्शाती है।
इस पुस्तक मे प्रत्येक विचार की शुरुआत एक सरल परिचय से की गई है। कुछ ज्वलंत विषयों को, विस्तृत विवरण के साथ समझाने की कोशिश की गई है। छोटी छोटी कहानियों, कविताओं, व्यंग्य, प्रेरक प्रसंग, विशेष व्यक्तित्व, सम्यक विश्लेषण, जानकारी, अनुभव आदि से भी पाठकगण ज्ञानवर्धन करने में सक्षम होंगे एवं विभिन्न अध्यायों से गुजरने के बाद “क्या हासिल किया” जान पायेंगे। इस पुस्तक को पाठक आसानी से समझ कर आनंदित महसूस करेंगे। पुस्तक में निहित अध्याय, विभिन्न देशकाल के अनुसार तैयार किए गए हैं, जिस कारण एक आम पाठक को सीखने, समझने,अपने ज्ञान का परीक्षण करने एवं विभिन्न विषयों के बीच एक जुड़ाव महसूस करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। प्रभावी आख्यान प्रस्तुतियों के लिए चित्र लिए गये हैं। हम पुस्तक की समीक्षा करने के लिए समय निकालने वाले सभी समीक्षकों का भी विशेष आभार व्यक्त करते हैं।