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संपादकीय-तेजल ज्ञान जाट समाचार पत्र के स्थापना दिवस की आप सभी स्वजातिय बंधुओं, पाठकों, लेखकों, विज्ञापनदाताओं, को हार्दिक-हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।


समाचार पत्र टीम वर्क है, जो बिना किसी के स्नेह रुपी सहयोग और शुभकामना के रूप में मिले आशीर्वाद के निरंतरता प्रदान करना संभव नहीं हैं। समाचार पत्र में अकेला चना कभी भाड़ नहीं फोड़ सकता, अखबार के संदर्भ मैं कोई भी व्यक्ति या कहे कि मैंने अखबार को निकाला है, उसे इतना बड़ा कर दिया है, यह महज अहंकार अथवा दंभोक्ति ही, कहीं जाएगी। समाचार पत्र निकालने वाला पाठकों का, समाजजनों का, लेखकों का सेवक के साथ अकिंचन दास होता है। सेवक और दास को अहंकार अथवा दंभोक्ति अधिकार ही कहां होता है। समाचार पत्र तो दीर्घायु होता है जिसमें सभी का योगदान होता है समाचार पत्र की बढ़ती आयु में सभी का योगदान होता है। धीरे-धीरे जाट समाज का मासिक समाचार पत्र ‘तेजल ज्ञान’ परिपक उम्र की और बढ़ रहा है। जिसके लिए संपादक मंडल सभी का विनम्रता पूर्वक आभार मानता है और आप सभी स्वजातीय बंधुओं से विनम्रता पूर्वक विनय करना चाहेंगे, कि आप निसंकोच हमें सुझाव प्रदान करें कि आप और हम मिलकर मासिक समाचार-पत्र ‘तेजल ज्ञान’ के माध्यम से अपने समाज का क्या और कैसे कितना भला कर सकते हैं। क्योंकि समाचार-पत्र का अपना कुछ नहीं होता अपितु समाचार-पत्र समाज की भावनाओं की अभिव्यक्ति होता है। जो नियमित रुप से समाज के बीच अभीवक्त होता रहता है।
4 वर्ष पूर्ण होने पर हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारा जाट समाज भावनाओं से लबरेज है। यदि हमारे समाज में भावनाएं ही नहीं होती तो अभीवक्त ही क्या होती भावनाएं, अभीव्यक्त हुई तो यह स्वीकार करना ही पड़ेगा कि हमारे जाट समाज कुल में भावनाओं का भंडार हैं, यह भावनाएं ही हमें एक दूसरे से जोड़कर आगे बढऩे की प्रेरणा प्रदान करती है। संबंधों में आत्मीयता की स्थापना प्रदान करती हैं, समाज के सेवक होने के नाते हम इस मासिक समाचार-पत्र को निरंतर संचालित करते रहेंगे, लेकिन इसमें भावनाओं के शब्द की चित्रकारी तो पाठकों एवं स्वजातीय बंधुओं को ही करना होगी। समाचार-पत्र में मिलने वाले खट्टे मीठे अनुभव तो संपादक मंडल की जमा पूंजी है। जिसे वह शिरोधार्य करके जतन से सहजता जा रहा है, हमें तो प्रसंता इस बात की है कि मासिक जाट समाचार-पत्र के माध्यम से समाज में हमें अपनी सेवा की निमित बनाया हैं, हम अपने इस सौभाग्य पर संपूर्ण जाट समाज कुल के आभारी हैं तथा अपने परम सौभाग्य शाली होने पर कृतार्थ हैं, आज हम विनीत भाव से स्वीकार करते हैं, कि यदि हमें अपने स्वजातिय बंधुओं, पाठकों, लेखकों, विज्ञापनदाताओं, तथा शुभचिंतकों का सहयोग नहीं मिलता तो इतना लंबा समय तय करना हमारे लिए संभव नहीं होता। जहां सभी के सहयोग ने हमें संबल प्रदान किया वहीं हमारे आशीर्वाद दाताओं से मिले आशीर्वाद ने हमें कदम-कदम पर प्रेरणा प्रदान कर हमें प्रोत्साहित किया।


अपने सामाजिक चेतना सफर के 4 वर्ष पूर्ण करने पर मासिक जाट समाचार-पत्र ‘तेजल ज्ञान’ अपने सभी शुभचिंतकों, सहयोगियों एवं आशीर्वाद दाता के प्रति अंतर्मन की गहराइयों से आभार व्यक्त करता है और साथ ही परमपिता परमेश्वर से कामना करता है कि, ‘तेजल ज्ञान’ जाट समाचार-पत्र को ऐसा ही सहयोग और आशीर्वाद सदैव मिलता रहे। ताकि यह पत्र अपने आदर्श मूल्यों की समाज में स्थापना कर सकें समाज उत्थान के पवित्र और उद्देश्य में सफल हो सके।

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