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बच्चों द्वारा हलिया अमावस्या पर खेत में जोता गया हल

तेजल ज्ञान जोधपुर। जिले के बम्बोर ग्राम पंचायत स्थित पुरखपुरा में मंगलवार को हाली अमावस्या परंपरागत रीति-रिवाजों को अनवरत जारी रखने के लिए गांवों में बच्चों द्वारा मिल जुलकर खेतों में हल जोता गया। सुबह से ही टोकरियों की टन-टन की आवाजें व राजस्थानी गीतों की धुनें सुनाई दीं। अनोप भाम्बु ने बताया कि हाली अमावस्या सदियों से चली आ रही प्रथा के अनुसार कस्बे की सभी महिला रात में सोने से पहले बाजरी, मूंग, मोठ को बड़े बर्तन में भीगो कर रखती हैं। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ओखली में उसे छड़ती हैं तथा इन सभी खाद्यान्नों को मिलाकर खींच बनाती हैं, साथ ही घरों में ग्वारफली की सब्जी व कढ़ी आदि कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं।
हाली अमावस्या पर घर के आंगन व सभी देवस्थानों के आगे बाजरी, मूंग, मोठ इत्यादि को रखकर इसे आकर्षक रूप से सजाया जाता है, वहीं घर के बड़े बुजुर्ग द्वारा न ढेरियों में से अनाज के कुछ दाने उठाए जाते हैं, अगर यह दाने विषम संख्या में आते हैं तो लोगों द्वारा सुकाल (जमाने) की संभावना की जाती है।

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