तेजल ज्ञान न्यूज़ रिपोर्टर (महेंद्र सिंह खोखर सीकर)। राजस्थान सीकर कांवट घसीपुरा के उप स्वास्थ्य केन्द्र पर सेवा दे रही मेनका डोटासरा एएनएम का अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर महेंद्र सिंह खोखर समाजसेवी पूर्व अध्यक्ष ग्राम विकास समिति घसीपुरा की ओर से सम्मानित कर हौसला बढ़ाया मेनका डोटासरा एएनएम रघुनाथपुरा, उदयपुरवाटी ने बताया की उप स्वास्थ्य केन्द्र घसीपुरा पर गत 6 वर्षों से सेवा दे रही हूं व स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षो से मैं कार्य कर रही हूं। वर्तमान में ही नहीं अपितु पूर्व में भी कोरोना का प्रकोप हुआ तो मरीजों के स्वास्थ्य सेवा के लिए दिन रात तैयार रही हूं। कोरोना संक्रमण से दूर रहने के उपाय उप स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बताने के साथ, साथ कोरोना वैक्सीनेशन जैसा महत्वपूर्ण कार्य भी कर रही हुं। सभी लोगों से अपील है कि कोरोना संक्रमण की तेजी से फैल रही चैन को तोड़ने में हम सभी स्वास्थ्य कर्मियों का संपूर्ण साथ दें। हम बिना रूके, बिना थके अपनी परवाह किए बिना इस कोरोना की द्वितीय लहर के समय में फ्रन्ट लाइन कार्यकर्ता और सरकार की प्रत्येक योजना की जिम्मेदारी को लगन और सेवाभाव से पुर्ण कर रहे है। घर परिवार से दूर अपने कर्तव्य पथ पर अडिग है हम बस मन में ‘सर्वे सन्तु निरामयाः का भाव लेकर निकल पडे़ है। सुबह से ही भीषण गर्मी में भी घर, घर जाकर लोगों को जागरुक करना, उनको कोरोना महामारी से बचने के तरीके समझाना,मास्क और बार, बार हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करना ये सब भी हमारी दिनचर्या का हिस्सा है। अभी आई.एल.आई के चिन्हित लोगों तक मैडिसिन किट पहुँचाना, उनके मन में वैक्सीनशन के लिए फैली भ्रान्तियों को दूर कर वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करना, उनका मनोबल बनाए रखना भी हमारा मिशन है। लेकिन फिर भी हम अपने कर्तव्य पथ पर डटे है और इस कोरोना महामारी को हराकर लोगों में नवजीवन संचार ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है। 2014 से सेवाएं प्रदान कर रही हूं व ओपीडी और उप स्वास्थ्य केन्द्र घसीपुरा का रिपोटिंग कार्य के साथ ,साथ इन दिनों कोरोना की द्वितीय लहर के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दिन व रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हूं। ओपीडी, आईपीडी के साथ, साथ इनदिनों कोरोना वैक्सीन लगाने का कार्य भी कर रही हूं। कोरोना में दिन व रात सेवाएं प्रदान करने वाली मेनका डोटासरा बताती हैं की निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही हमारा कर्तव्य है और यह सोच हमारे जीवन को बल देती है। जन कल्याण के लिए अपनी पूरी मेहनत से जिम्मेदारियों को निभाते हुए हमें भीतर से गर्व भी महसूस होता है। निःस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा कर अपने पद की जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठावान रहने का प्रयास करती हूं। इसलिए कभी-कभी सीमित संसाधनों के कारण परेशानी तो होती है लेकिन मरीजों की सेवा को प्रथम प्राथमिकता देते हुए निरंतर सेवा प्रदान करती है।
