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बालरक्षक प्रतिष्ठान के तत्वावधान में “अखिल भारतीय हरियाणवी कवि सम्मेलन” का हुआ आयोजन

तेजल ज्ञान हरियाणा 【डॉ० कुलवीर बैनीवाल】:- बालरक्षक प्रतिष्ठान के तत्वाधान में शनिवार,25सितंबर 2021  को शाम 5 बजे से वर्चुअल मंच पर अखिल भारतीय हरियाणवी लोकगीत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हरियाणा की लोक संस्कृति को गीतों के माध्यम से मनोरंजक रूप में सबके सामने प्रस्तुत करना है। बालरक्षक प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रानी खेड़कर व राष्ट्रीय सचिव श्री नरेश वाघ जी हैं। इस मंच द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन श्री मनोज चिंचौर और प्रसनजीत गायकवाड़ के मार्ग दर्शन में लिया जाता है।कार्यक्रम का आरंभ भारतीय संस्कृति की परंपरानुसार मंगलाचरण से हुआ। इस हरियाणवी लोकगीत सम्मेलन में देश के कोने – कोने से हरियाणवी कवि -कवयित्रियों  वीरमति, कृष्णा देवी, गुलाब कौर, रेखा, सुखबीर, सुशील, सविता जी, गीता रानी आदि ने विभिन्न हरियाणवी संस्कारों से संबंधित लोकगीतों का सस्वर वाचन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा की सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती विद्या देवी जी आमंत्रित थीं। उन्होंने परिवार के एक साथ मिलकर रहने पर बल देते हुए कहा कि बुजुर्गों के होने से घर के सभी सदस्य सुरक्षित महसूस करते हैं।उन्होंने भोले शंकर पर हरियाणवी लोक गीत भी प्रस्तुत किया। इस मंच पर अध्यक्ष के रूप में प्रो.आदिश कुमार जी उपस्थित थे । उन्होंने अपने शब्दों द्वारा प्रतिभागियों का हौंसला बढ़ाया। साथ ही हरियाणवी लोकगीत का वाचन भी किया। हरयाणवी लोकगीत सम्मेलन में आदरणीय मदन लाल जी, डॉ. अभिलाषा गौतम जी ने  मंच संचालन की जुगल बंदी द्वारा सबका मन मोह लिया । डॉ० कुलवीर बैनीवाल जी ने प्रास्ताविक प्रस्तुत करते हुए बालरक्षक प्रतिष्ठान की भूमिका पर प्रकाश डाला । हरियाणा टीम का नेतृत्व करने वाली आदरणीया ज्योति जी ने मुख्य अतिथि और अध्यक्ष का विस्तार से परिचय दिया।  समाज सेवक,प्रेरक व्यक्तित्व, प्राध्यापक डॉ.अमित सिंह जी ने हरियाणवी लोकगीत के महत्व पर प्रकाश डाला। अंत में डॉ.कुसुम लता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मनीष जी और प्रेरणा रस्तोगी ने कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर समापन तक हर संभव सहयोग किया। बालरक्षक प्रतिष्ठान के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम द्वारा हरियाणा के लोकगीत सम्मेलन द्वारा केवल युवा प्रतिभागियों को ही नही बल्कि हमारी दादी,नानी, बुआ, ताई, मां आदि विभिन्न रूपों में घर की बुजुर्ग महिलाओं को भी अवसर प्रदान किया। यह अपने आप में पहली सार्थक पहल थी। बालरक्षक प्रतिष्ठान सदैव नवाचार में विश्वास रखते हुए नए – नए समसामयिक विषयों पर कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करता रहा है।

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