
तेजल ज्ञान महेंद्र सिंह खोखर घसीपुरा। राजस्थान जयपुर रह जायेगा सब यहाँ पे कोई साथ लेके नहीं जायेगा!
अपने अहंकार के लिए क्यों किसी को सताना है!
यादें अच्छी छोड़ जाओगे अपनों के साथ!
ज़िन्दगी का मतलब आना और जाना है!
खाली हाथ आये हो खाली हाथ ही रुक्सत होंगे दुनिया से!
क्यों किसी को बेवज़ह हिरस में निचा दिखाना है!
रहेगा कुछ नहीं साथ शरीर भी पंच तत्व में विलीन होगा!
ज़िन्दगी का मतलब आना और जाना है
नया जन्म होगा कही और नयी पहचान मिलेगी नये रूप के साथ!
क्यों फिर किसी से लड़कर अपना ख़ास रिश्ता गवाना है!
रहो मिल -जुलकर अपनों के साथ प्रेमपूर्वक!
ज़िन्दगी का मतलब आना और जाना है!
चिंता वियर्थ में क्यों करते हो और किसको खोने से डरते हो!
कटपुतली हो तुम उसके और आखरी लक्ष्य तुम्हारा जीवन का उसके पास ही जाना है!
समर्पण करदो उसके आगे क्योंकि हर कड़ -कड़ में वो है!
ज़िन्दगी का मतलब आना और जाना है! रचयित:कलमकार।

